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Top 2 Chhattisgarh Ki Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां

 इस स्टोरी को पढ़ने वालो को मेरा सलाम । हेलो सस्तो स्वागत है आप सभी का मेरे इस ब्लॉग पोस्ट में दोस्तों आज की ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको टॉप 2 chhattisgarh ki kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां को बतलाने जा रहे है जिसे आपको पढ़ने के बाद में अंदर से आन्नद की अनुभुरी महशुस करेंगे । 

ये ऐसे टॉप 2 chhattisgarh ki kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां है जिन्हे आप किसी भी अन्य ब्लग में देखने को नहीं मिलेगा जिसे पढ़ने के बाद में आपका रोम रोम उठ काढ़े होगा । आप अंदर से इतना मोटीवेट हो जायेंगे की सच क्या है और असल जिंदगी में हम किस लिए आये हुए है । और हम वास्तविक जिंदगी में कर क्या रहे है । 

Top 2 Chhattisgarh Ki Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां 

इस सभी प्रश्नो का उत्तर आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मिलने वाला है तो बिनाकिसी देरी के इस बोल्ग पोस्ट को पढ़िए और खुद मोइवाते होकर के दुसरो केpas में भी इस कहानी को जरूर शेयर करियेगा । 

तो चलिए शुरू करते है :- 

1 . सच का परख ज्ञान के बिना मुश्किल है  (Chhattisgarh Ki Kahani)

एक बार की बात है एक छोटे से गांव में जोहरी नाम का व्यक्ति रहता था । जोहरी के घर में उसके छोटे से बेटे और उसकी पत्नी रहती थी । घर में सभी कुशल मंगल थे , सभी बड़े आनंद के साथ में रहते थे । छोटा परिवार था ।

एक दिन की बात है जोहरी की अचानक से तबियत ख़राब हो गया और उस तबियत ख़राब से उसकी निधन हो गया । परिवार में कोई कमाने वाला नहीं था । एक वही था जो परिवार को चला रहा था ।

जोहरी के निधन के बाद में कुछ समय तक तो सब ठीक चल रहा था , खाने pine के सामान थे लेकिन कुछ महीनो बाद घर में से धीरे धीरे चावल भी ख़त्म होने लगे थे और एक समय ऐसा आया की उनके घर में खाने के लिए दाने के लिए लाले पड़ने लगे थे । 

उनके घर में चावल ही नहीं था , उसकी माँ को लड़के और bhukh की halat नहीं देखि जा रही थी वो उसने अपने पति के द्वारा ख़रीदे गए नीलम के हार को पति से निकलती । 

और नीलम के हार को निकलकर के अपने बेटे को बेचने के लिए दे देती है और कहती है इसे अपने चाचा के दुकान में ले जो और कहना की इसे बेचकर के कुछ रूपये दे दे ताकि इसे बेचकर के कुछ खर्चा चलाया जा sake . 

तो उसके लड़के ने ठीक वैसा ही किया . वो हार को ले जाकर के चाचा जी के दुकान में दिया । और उसके चाचा ने हार को अच्छे से देखने के बाद में कहा

बेटा माँ से कहना अभी बाजार बहुत ही मंदा है , थोड़े रूककर के बेचना । और उसके चाचा ने कुछ रूपये दे दिए और कहा की कल से तुम दुकान में आकर के बैठ जाना ।

तो लड़के ठीक वैसे उसने अपने माँ के नीलम के हार को अपने माँ को वापस कर आया और उसके दूसरे दिन से लड़का अपने चाचा जी के दुकान में बैठने लगे । 

और वह दुकान में जाकर के हिरे , रत्नो का काम को सिखने लगा परखने लगा , उनको अच्छी तरह से पहचाने लगा . एक

कुछ दिन , कुछ महीने , कुछ साल बीतने के बाद में उसे हिरे , रत्न जेवरात की अच्छी परख हो गई और दिन ऐसा आया की वह एक बड़ा हिरे , रत्नो , जेवरात की पारखी बन गया ।  अच्छी परख होने के बाद में उसके बस में दूर दूर से लोग अपने हिरे रत्नो को लेकर के आने लगे और , अपने रत्नो को परखाने लगे ।

एक दिन बात है लड़का अपना काम संभाल रहा था , और कोई ग्राहक भी नहीं था तो उसके चाचा जी उसे अपने पास में बुलाया और कहा - बेटा वह हार लेकर के आना और माँ से कहना की बाजार अभी बहुत तेज है , जिसके पैसे ही अच्छे मिलेंगे .

तो उस लड़के ने ठीक वैसा ही किया उसने अपने माँ से वो नीलम के हार मांग के ले आये और वह तो पहले से पारखी ही था तो उसने उस नीलम के हार को पहले तो , उसे देखा , उसे परखा उसके बाद में अपने चाचा जी के पास में हिरे को ले जाकर के अपने

अपने चाचा जी से कहा की , चाचा जी यह हिरे तो नकली , इसमें तो सिर्फ पानी चढ़ा हुआ है

तब उसके चाचा जे लड़के को बैठाकर के बड़े प्यार के साथ में कहा - जब तुम पहली बार ये हार लेकर के आये थे अब मई तुझे नकली बता देता तो तुम सोचते की आज हम पर बुरा वक्त आया तो चाचा हमारे चीजों को नकली बताने लगे और आज तम कूद हिरे के बड़े फारखी बन गए हो , रत्नो को कूद देख कर परख लिया की यह हिरा नकली है ।

तब पता चल गया की हार सच मच नकली है , सच तो यह है की ज्ञान के बिना हम इस संसार में हम जो भी सोचते है , देखते है और जानते है यह सब गलत है ।

और ऐसे ही ग़लतफ़हमी का शिकार होने के बाद में ही रिश्ते , नाते , दोस्ती सब कुछ बिगड़ जाते है

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 2. नौजवान बेरोजगार (Chhattisgarh Ki Kahani)

एक बार की बाद है एक लड़का अपने पढ़ाई पूरा करने के बाद में यानि की ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद में नौकरी की तलाश में था । लड़का नौकरी पाने के लिए कई सरे प्राइवेट कम्पनी के चक्कर लगते , आज इस ऑफिस तो कल उस ऑफिस में जाकर के अपना CV जमा कर आता .

CV जमा करने के बाद भी लड़का का सलेक्शन नहीं हो पा रहा । वो जंहा भी जाता था उसे रिजेक्ट होने का कारन नहीं बताता था और कारण न पाता होने के कारण लड़का बहुत परेशान रहने लगा था ।

कुछ दिन बाद लड़का फिर से एक बड़े से सक्सेस फूल व्यक्ति के पास में अपना ग्रेजुएशन के डिग्री को लेकर के पहुंच जाता है ।

ऑफिस बहुत बड़ा था और कई सारे लोग भी इंटरव्यू दिलाने के लिए बैठे हुए थे । आधा घंटा बैठने के बाद में लड़का का नॅम्बर आया और लड़का अपना ग्रैजुएशन की डिग्री को ले जाकर के उस सक्सेसफुल व्यक्ति को दिखता है ।

तो सक्सेस स्कूल व्यक्ति ने उसके डिग्री को साइड में रखकर के उस लड़के के पूछा की तुम्हे क्या क्या आता है ?

तो लड़के ने बड़े ही कॉन्फिडेंस के साथ जवाब दिया - सर मैं ग्रेजुएट हु , मेरे पास में डिग्री है , आप कुछ भी पूछ लो ?

तो उस Successful इंसान ने पूछा - प्राइवेट जॉब करोगे ?

लड़के ने कहा - नहीं ?

व्यक्ति ने कहा - दुकान में काम करोगे ?

लड़का - नहीं ।

व्यकित ने कहा अच्छा थोड़ी बहुत प्रोगरामिंग आती है ।

लड़के ने कहा - नहीं ।

व्यक्ति ने कहा - कार या बाइक रिपेयरिंग का काम आता है ?

लड़के ने कहा - नहीं ।

व्यक्ति ने फिर पूछा - पेंटिंग करना जानते हो ?

तो लड़के ने बोला नहीं ।

व्यक्ति ने फिर पूछा - डिजाइनिंग करना जानते हो ?

लड़के ने बोला - नहीं ।

मिठाईया बनाना जानते हो ?

तो लड़के ने कहा नहीं ।

व्यक्ति ने फिर पूछा - majduri कार सकते हो क्या ?

लड़के ने बोला नहीं ।

फिर सक्सेस्फुल व्यक्ति ने पूछा - तुम्हारे पिता जी के पास कोई जमीं तो होगी ?

तो लड़का बोला है .

व्यक्ति ने फिर पूछा - खेती करोगे ?

तो लड़के ने बोला नहीं ।

तो व्यक्ति ने शांत भाव से बोला - अच्छा तुम कोई हुनर काम जानते हो क्या ?

तो लड़के ने जवाब दिया - सर अभी तक मैंने कोई हुनर काम नहीं शिखा है ।

अब उस इंसान ने अब गुस्से में पूछा की तुमने 20-25 साल तक किया क्या है ?

तो वो लड़का बोला - सर पढ़ाई ।

उस इंसान ने फिर पूछा - अभी क्या कार रहे हो ?

लकड़ा ने फिर कहा - सर गोवेर्मेंट जॉब की तैयारी ।

दोस्तों 20-25 साल तक हम सिर्फ पढ़ने पर ध्यान देते है । हम क्या पढ़ रहे है उस चीज को प्रैक्टिकली देखने की koshish नहीं करते है । उसे shikne पर भी ध्यान नहीं देते । हमारे पास कोई भी स्किल नहीं होती है और 20 25 साल बाद ग्रेजुएट होकर के निकलते है और हमारे हाथ में डिग्री थमा दी जाती है । जो सिर्फ एक कागज का टुकड़ा होता है । 

ये दोस सिर्फ एजुकेशन सिस्टम का नहीं है yesa नहीं है की सिर्फ एजुकेशन सिस्टम ही ख़राब है या थोड़ा सा दिमाग तो आपका भी ख़राब हो जाता है । आप अपने मोबाइल के 2 जब डाटा को आप फालतू में उदा देते हो या फिर फालतू में उड़ा देते हो । 

ये Top 2 Chhattisgarh Ki Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां में आप इस स्टोरी को पढ़ने के बाद में खाली मत बैठिये गा। ये वक्त खाली बैठने का नहीं है । गोवेर्मेंट को ये पूछने का नहीं है की कहा है गोवेर्मेंट जॉब , क्यों नहीं निकल रहे हो वेकन्सी? , ये सोचकर के बैठे हो तो आपसे ज्यादा कमजोर इंसान कोई नहीं है । क्योंकि आपको खुद पर विस्वाश नहीं है ।

ऐसे दुनिया में जॉब बहुत सारी है लेकिन उसके लिए काबिल तो बनो । गोवेर्मेंट जॉब की तैयारी करो लेकिन सिर्फ उन्ही के भरोसे मत बैठो . सरकारीआएंगे और जायेंगे लेकिन कोई भी तुम्हे 100% गोवेर्मेंट जॉब नहीं दिला पाएंगे .

अरे यार एक बात बताओ उम्र के शादी के पढ़ाओ में और बेरोजगार बैठे है । पडोशी घर रहे है , रिस्तेदार हंस रहे है , क्योंकि आप बेरोजगार बैठे है ।

देखो आपका सपना कुछ भी चाहे गोवेर्मेंट जॉब का हो , चाहे बिज़नेस का हो , या चाहे कुछ भी सब जरुरी है लेकिन उससे ज्यादा जरुरी है की पहले आप अपनी और अपनी फैमली की बेसिक जरूरते पूरी हो ।

अगर आपके फैमली की फाइनेंशल कंडीसन अच्छी है तो आप लगे रहो अपना सपना पूरा करने में लेकिन आपके फैमली फाइनेंसियल कंडीसन अच्छी नहीं है तो आप समझ जाना आपके फैमली को आपके सपोर्ट की जरूरत है ।  हो सकता है की आपके माँ बाप आपको कुछ न बोले लेकिन ये आपको खुद को समझना होगा .

आप सिर्फ गोवेर्मेंट जॉब्स की धुन से नहीं बैठ सकते आपको अपने फैमली को सपोर्ट करना . खाली मत बैठो JOB सर्च करो यार , डिग्री मत बैठो रहो , कोई भी शिखो आपके पास में स्किल होने चाहिए तो जॉब जरूर मिल जाएगी ।

 

Chhattisgarh Ki Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां

 

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