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Top 2 Chhattisgarhi Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां

  हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमरे इस ब्लॉग पोस्ट में दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको Top 2 Chhattisgarhi Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां के बारे में जानकारिया देने वाले जो आपको दिल खुश कर देगा । 

इस Top 2 Chhattisgarhi Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां कहियो में एक ऐसे भी कहानी आपको पड़ने को मिलगे जिन्हे आप बढ़ने के बाद में अंदर से खुद को मोटीवेट कर सकते है । 

Top 2 Chhattisgarhi Kahani 

तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के इस Top 2 Chhattisgarhi Kahani || छत्तीसगढ़ी कहानियां को शुरू करते है 

1 .  Old Man Advice (Top 2 Chhattisgarhi Kahani )

ये Motivational story in hindi एक किसान के बारे में बताया है । एक बार की बात है एक छोटे से गांव में एक किसान परिवार रहता था । जिनके पास अपने खुद के 4 - 5 एकड़ का खेत था । जो पिछले 35 साल से खेती का काम करता था । खेती ही उनका मूल रोजगार और आय का जरिया था इसी से पुरे साल भर के खर्चे निकला करता था ।

वो पिछले 35 सालो तक अच्छी फसल लेता रहा और यदि किसी का रेघा जमीं मिल जाता था तो उसे भी वह बुवाई कर लेता था और वह से भी अच्छी फसल ऊगा लेता था ।

उस किसान का एक छोटा सा बेटा भी था जो अपने पिता से साथ में बचपन से काम करने के लिए चला जाता था , जब कभी पिता जी थक कर के मेड में बैठ जाता तो वो बैलो को रेगाने लगता , यदि किसी अन्य काम होते थो उसमे हाथ बटा लेता यानि की थोड़ा बहुत पिता के मदद कर देता ।

थोड़े दिनों बाद लड़का स्कूल जाने लगा , उसके बाद प्राइमरी स्कूल , मिडल स्कूल , हाई स्कूल और सीधे कालेज करने के लगे । इन स्कूल के दिनों में जब भी खेती का काम शुरू होता था तो लड़का पिता जी के कामो में हाथ बात लेता , यदि रविवार हो गया तो जानवरो के लिए chare लाना , उनको धोना , उन्ही देखभाल करना .

जैसे जैसे उनकी उम्र बाद रहे थे लड़का ज्यादा हाथ बताने लगा ।

जब वह कालेज में गया तो अपने पिता जी का अधिकांश काम कर लेता था और पिता जी को आराम देता था । उनकी उम्र भी हो चली थे । कालेज तक लड़का पिता जी के हर बात को मानता था , उनके हां में हां मिलाता था । उनके कोई भी काम नहीं न कर सकता था ।

कुछ सालो में लड़का ने कालेज को पूरा कर लिया , ग्रेजुएशन पूरा कर लिया । अब लड़का घर में आकर के अपने पिता की खेती का काम sambhalne लगा . और पिता जी भी उनके बुजुर्ग हो गए थे उनसे अब खेतो को जोतना नहीं हो पाता था तो सारा काम अब लड़के को ही संभालना था .

लड़का बड़ा हो गया था तो उसका दिमाग भी ज्यादा चलने लगा था । ग्रेजुएशन के एक साल फिर गर्मी के मौसम के बाद में फसल की बुवाई सुरु हो गई इस बार लड़के ने बुवाई की , खेतो में बीज dalna shuku की । 

कुछ दिन बाद में अच्छी बारिस हुई तो लड़के ने फिर से जोताई नहीं किया लड़के पिता जी उसे जोतने के लिए कहा लेकिन माना नहीं और अच्छी बारिश को देखते रहे ।

और जब दुबारा बारिश हुआ तो धान के दिन हो गए थे उसके बाद में उसने फिर से बियासी किया । और इस बार लेट से जैसे तैसे करके बियासी किया । इस बार लड़के ने अपने पिता जी की एक न सुनी ।

जब उसे समय में खेत से खाद डालने के लिए कहा गया तो वह 15 दिन बाद खेत में खाद डाला और लालच में आकर के उसके लड़के ने ज्यादा खाद डाल दिया। 15 दिन बाद खेत में खाद डालने के बाद में पुरे खेत में कीड़ा का लगा गया ।

अब तक उसके पिता जी ने इतना कीड़ा नहीं देखा था जितना की अभी अपने उम्र में देखा था । इतना ज्याद पुरे खेत में कीड़े लग गए थे ।

जब फसल की काटी हुई तो उसके पिता जी अपने 35 साल के किसानी में कभी इतना धान नहीं देखा था जो उसके लड़के के मनमानी में देखा । इस बार लड़के के खेती में उसके पिता जी बहुत ही कम धान की उपज हुई थी , इस बार लड़के के बोवाई में नहीं के बराबर धान हुई थी जो उसके 12 माह के खाने के लिए भी नही थे ।

अब दोनों के बिच में कभी कभी तू तू मै मै हो जाता था लेकिन लड़का अपने पिता जी से ऊँची आवाज में कभी बात नहीं किया ।

फिर दूसरे साल लड़के ने फिर बोवाई की फिर लड़के ने फिर दूसरे साल अछि बारिश हुई , फिर लड़के ने अच्छे बारिश में बियासी नहीं की और ज्यादा लालच के छाकर में ज्यादा खाद डाल दिया ।

इस बिच खेतो के बिच में कहा सुनी हो जाता था । देखने वाले लोग खूब हस्ते थे और देखने में नाटक की भांति लगता था , जो इक दूसरे को प्यार बात रहे हो । लेकिन फिर भी

लेकिन अब की फसल बहुत ही अच्छी थी लड़के ने धान के निकलते समय और खाद ले जा के डाल दी तो इस कारन से हरे बाहर लहलाती हुई फसल में माहु यानीं की किट फिर से प्रकोप हो गया । इस बार फसल देखने में में लबालब धिकज जरूर रहा था लेकिन जब धान के बलियो जैसी छूकर के देखते थे तो उनमे से अधिकांश बीज पुरे खोखले थे ।

यानि की उसमे कीटो ने उन बीजो के रस को चूस लिया था और धान के बीज खली हो गए थे । जब धान खड़ा हुआ था तब उसमे बीज नजर दिखाई दे रहा तह लेकिन बिलकुल ऐसा नहीं है ।

लड़के बे दूसरी बोवाई में फसल को काटा गया तब अब की फिर धान कम हु । अब तो चवन्नी के बराबर ही धान नहीं हुआ था । जो लड़के के पहली बोवाई से कम था ।

और उसके 12 महीने के खाने के लिए भी बहुत ही कम था । और दोनों बार लड़का ने अपने पिता जी का एक सुना था . एक कान से सुनता था और दूसरे कान से निकल देता था .

कुछ दिन बीतने के बाद में लड़के को अहसास हुआ की वास्तव में उनके पिता जी जो बताते है वो सही है । उनको किसानी करते हुए 35 साल से ज्यादा हो गए थे । तो उसके बाद लड़के ने हार मन ली और अपने पिता जी के बताये अनुसार कम करना शुरू किया ।

दोस्तों ये Chhattisgarhi Kahani ||  छत्तीसगढ़ी कहानियांहमें यह सीखा के जाती है की जिंदगी में सही सलाह देने वाले व्यक्ति , बहुत ही जरुरी है । बिना सही सलाह के हम कुछ भी ठीक तरीके से नहीं कर पाएंगे और यदि हमारे साथ में कुछ भी गलत होता है तो उसे सुधरने वाला भी तो होना चाहिए . क्योंकि सही सलाह के लिए तो महाभारत में अर्जुन के पास कृष्ण थे जिन्होंने अर्जुन को सही सलाह देकर के पांडवो की जित कराइ थी ।

ठीक इसी तरह से इस Chhattisgarhi Kahani ||  छत्तीसगढ़ी कहानियांमें हुआ है लड़के ने अपने 35 साल के अनुभव को नहीं समझ सका और 2 सालो तक उसने अपने फसलों को नुकसान पहुंचाया , धान की उपज कम की । इसलिए दोस्तों बुजुर्ग व्यक्ति की सही सलाह हमें माननी चाहिए , उनके अनुभव को हमें समझना चाहिए .

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4 . भाउ क ( Chhattisgarhi Kahani )

दोस्तो ये Chhattisgarhi Kahani ||  छत्तीसगढ़ी कहानियां एक लड़की की है । जो घर में सभी की लाडली , दो भाइयों को परेशान करने वाली , बहुत ही सुन्दर और अपने भाइयों को छोटे छोटे बातों मै खींचाई करने वाली , चुलबुल सी लड़की की स्टोरी है ।
लड़की का दो भाई था एक बड़ा भाई और एक उससे छोटा भाई , इसके अलावा घर में मां पिता के अलावा जानवर थे जो छोटे उनका देखरेख करते थे ।

यानी की छोटा परिवार था । सभी बड़े हसी खुशी के साथ रहते थे ।

एक दिन की बात है लड़की की अभी अभी लड़की का जन्म दिन आने वाला था । जैसे जैसे दिन नजदीक आने वाली थी वैसे वैसे लड़की बहुत अपने जन्म दिन को मानने के लिए एक्साइटेड थी ।
लड़की जन्म दिन के दो दिन पहले वाट्स एप स्टेटस लगती है , कोई काल मत करना ।
लेकिन जन्म दिन की एक्साइटेड इतना था कि जन्म दिन वाले जाने वाले जाने किसी की कॉल रिसीव नहीं करती है ।

100 से ज्यादा उनके पास मैसेज आ गए थे , हैप्पी बर्थ डे , हैप्पी बर्थडे डे , हैप्पी बर्थडे डे और शाम तक बधाईया के ताँता लगे थे ।

उनके 20 वे जन्म दिवस पर उनकी चाची उनके लिए पायल खरीदी , सभी गांव के दोस्त आए , माँ पिता ने तिलक लगाया केक कांटे और अभी लोग इंजॉय करने लगे ।

रात में खीर बनी , पुडी बनी , कई पकवान बने सभी के साथ मिलकर कर के बड़े ही शांति के साथ में मिलकर के अपने बर्थ डे को मनाई ।

दूसरे दिन लड़की फिर गुस्सा हो गई और लड़की जब भी गुस्सा हो जाती थी तो अपने मन की बात वाट्स एप स्टेटस में लगा देती थी ।
अब कि बार तो लड़की ने हद ही कर दी - वाट्स एप में लिखती है कि सब मतलबी है इस दुनिया में । कोई किसी का साथ नहीं देती ।सब अपने अपने में व्यस्त है ।

ये उस लड़की का पहला स्टेटस नहीं था इसके पहले भी उसने कई सारे इसे स्टेटस लगा चुकी थी । अब तो उसने ये स्टेटस लगा के हद पर कर दी थी ।

एक दिन की बात है उनके परिवार के सभी लोग एक साथ सभी आये हुए थे उस दिन लड़की एक छोटे से बात पर हंगामा खड़ा कर दिया और बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गई।

pahli बार लड़की ने इतना जया गुस्सा किया था । 

दो दिन दिन तो रुकने के बाद किसी बात नहीं की और रूठ गई किसी से भी बात नहीं कर रही थी । दो दिन बाद उसके पापा उसके पास गया और लड़की को बड़े प्यार से समझाने की कोशिश की लेकिन मन नहीं हरी थे लेकिन बड़े की प्यार के साथ में अपने बेटी को सझते हुए कहा ।

उसके पिता जी ने कहा - जिसे तुम अपना मानती हो असल में वो तुम्हारे जितने भी दोस्त है ना वो असल में सभी दोस्त तुम्हारे साथ में नहीं रह सकते क्योंकि उनके सोच अलग है , उनके विचार अलग है , उनके रहें सहन अलग और ये सभी दोस्त
एक समान नहीं हो सकते जब तुम्हारे विचार और उनके विचार एक सा मिले तब समझ जाना कि वही दोस्त सही है क्योंकि विचार मिलने से तुम अपने विचार को उन्हें बता सकती हो और वो तुम्हारे हर प्रॉबलम का सल्युसन जरूर बताइएगा । वहीं होगा तुम्हारा असली दोस्त ।

और जब तुम्हे कोई रिप्लाई नहीं देती है तो तुम्हे समझ जाना चाहिए कि या तो किसी काम मै व्यस्त है , या फिर अभी उनका दिमाग ठीक नहीं है , या फिर उनको अभी बात नहीं करना है । कई कारण हो सकते है ।
तुम्हे इस बात को समझना पड़ेगा कि लोगो के काम हो सकते है तो तुम्हारा गुस्सा होना गलत है तुम बेफिजूल गुस्सा होती हो ।

और रही बात देरी हर बात गुस्सा होने की तो इस उम्र में गुस्सा होना जायज है लेकिन ज्यादा गुस्सा होने पर व्यवहार बदल जाता है ।
और इस उम्र में ज्यादा दोस्ती यारी को एक साइड में रखकर के पढ़ाई में ध्यान देना जरूरी दोस्ती यारी में नहीं । क्योंकि ये उम्र ही होती है पढ़ाई करने यदि सही उम्र में पढ़ाई नहीं नहीं कर पाई तो जिन्दगी भर पस्तना पड़ेगा ।

और बात आती है तुम्हारे लोग तुम्हे काम के लिए पूछते है तो ये मत समझना कि वो मतलबी है बल्कि ये समझना कि जिन्दगी की रीत है लोग हमेशा काम के समय ही याद करते है । यदि वो तुम्हारे पास हर दिन फ़ोन लगाए तो तुम ही उससे परेशान हो जाओगी और तुम भी उससे दूर होना चाहोगी , उनसे बात नहीं करना चाहोगी

इसलिए लोग काम के समय याद करते है ताकि तुम्हारे और उनके बीच जो दोस्ती का सम्बन्ध है वो मजबूत हो सके और व्यवहार और बड़ सके इसलिए लोग तुम्हारे पास में काम के समय याद करते है ।

आगे उनके पिता जी बात को कहते है कि लोग तुम्हारे बारे में गलत बाते करते है, तुम्हे दूर होते है , तुम्हे नेगलेक्ट करते है , इग्नोर करते है ये मत समझना कि ये सब मेरे साथ ही होता है बल्कि ये समझना कि ये तुम्हे जितने भी शब्द कह रहे है तुम्हे दुख देने के लिए नहीं कर रहे , ना ही नीचा दिखाने के लिए कर रहे बल्कि इसलिए कर रहे है की तुम्हे आगे बड़ने का सही रास्ता दिखा रहे है , तुम्हे सीखा रहा है कैसे आगे बढ़ना है ।

ये उनका काम ही है । और इसका ज्यादा प्रभाव हमारे सोच पर पड़ता है । हम जैसे सोचते है वैसे ही दिखाई देता है इसलिए पॉजिटिव सोचो , पॉजिटिव लोगो के साथ में रहो जिंदगी तुम्हे उतनी ही सुन्दर दिखाई देगी , उतनी ही अच्छा लगेगा ।
इसलिए तुम्हे उनके बातो को इग्नोर करते हुए आगे बढ़ना है , उनसे सीखना है क्योंकि यही जिन्दगी है ।

 

Chhattisgarhi Kahani

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